Project soli

वर्तमान परिप्रेक्ष्य

16 अक्टूबर, 2019 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में आयोजित ‘मेड बाय गूगल इवेंट’ (Made by Google Event) में गूगल द्वारा पिक्सल-4 स्मार्टफोन सीरीज लांच की गई।

गूगल के इन गैजट्स (Gadgets) में प्रोजेक्ट सोली के तहत विकसित मोशन सेंस टेक्नोलॉजी (Motion Sense Technology) का प्रयोग किया गया है।

प्रोजेक्ट सोली (Project Soli)

सोली, गूगल की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी एंड प्रोजेक्ट (Advanced Technology and Projects – ATAP) टीम द्वारा संचालित एक प्रोजेक्ट है।

जिसका पहली बार प्रदर्शन वर्ष 2015 में किया गया था।

इस प्रोजेक्ट के तहत पिक्सल-4 स्मार्टफोन में एयरमोशन (Air Motion) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

इसमें उपयोगकर्ता (Users) अपने हाथों की गति (Movement) और संकेतों से स्मार्टफोन संचालित कर सकते हैं।

सोली (Soli) एक रडार चिप है, जिसे स्मार्टफोन के ऊपर लगाया गया है। यह हाथों की गति व संकेतों को एकत्रित करती है और विवेचन पश्चात उपयुक्त कमांड (Right Commands) उपलब्ध कराती है।

सोली, मशीन लर्निंग (Machine Learning) मॉडल पर आधारित है, जो व्यापक स्तर पर सभी संभव संकेतों को समझने में सक्षम है

‘सोली रडार चिप’ (Soli Radar Chip) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणों (Electromagnetic) का उत्सर्जन करती है, जब मानव अपने हाथ को इसकी रेंज में लाता है तब इसमें से कुछ किरणें एन्टिना पर परावर्तित हो जाती हैं और तत्काल विवेचन पश्चात सोली (मशीन लर्निंग) उचित कमांड प्रदान करती है।

इस प्रकार उपयोगकर्ता स्मार्टफोन को बिना टच किए हाथों के इशारों से विभिन्न कार्य (अलार्म बंद करना, गाने बदलना, सेटिंग में जाना आदि) कर सकता है।

विशेष

यह सुविधा सर्वप्रथम सैमसंग (Samsung) ने अपने स्मार्टफोन गैलेक्सी -S4 (Galaxy S4) और गैलेक्सी नोट-10 (Galaxy Note-10) में उपलब्ध कराई है, जिसे ‘वायु संकेतक’ (Air Gestures) के रूप में जाना जाता है।

भारत में लांच नही

मोशन सेंस (Motion Sense) केवल उन्हीं देशों में कार्य करेगा, जहां इस रडार तकनीकी के उपयोग को अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस सूची में अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान और अधिकांश यूरोपीय देश शामिल हैं। भारत ने अभी इस तकनीक का अनुमोदन नहीं किया है।

सोली रडार चिप (Soli Radar Chip) 60 हर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवृत्ति पर कार्य करता है और भारत में इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं है।

60 हर्ट्ज बैंड (GHz band) को वी-बैंड (V-band) या WiGig बैंड (WiGig band) के नाम से भी जाना जाता है। ध्यातव्य है कि वी बैंड (57-64 GHz) एक बेहतर डिवाइस इकोसिस्टम उपलब्ध कराता है।


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